डॉ०रामबली मिश्र का दुर्मिल सवैया
डॉ०रामबली मिश्र का दुर्मिल
सवैया
सब की सहना कहना कुछ ना, भय-क्रोध दफा करते रहना।
बहरा बन चाल चलो सुगना, ललना सब का बन के दिखना।
मत ग्लानि रखो मन में सजना, दिन-रात दिखे प्रभु का वदना।
चल खोजन को प्रभु के चरणा,शरणागत हेतु बढे नयना।
Varsha_Upadhyay
03-Jan-2023 08:23 PM
बेहतरीन
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Haaya meer
01-Jan-2023 09:22 PM
👌👌
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Muskan khan
01-Jan-2023 07:22 PM
Nice
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